tantra mantra sadhana
साधना करने की सबसे प्राथमिक आवश्यकता दीक्षा है , दीक्षा का अर्थ हैं साधक अपना सर्वस्व समर्पित कर अपने सभी तर्कों बुद्धि जन्य खुरापातों मन के सभी संस्कारों इच्छाओं लोभ लालच से भरे जीवन इत्यादि मन वचन कर्म सभी को एक अपनें से अनंत जन्मों दूर एक प्रकाशधारी सशरीर शिवत्व को उपलब्ध सदगुरुदेव को समर्पित करता और भीख मांगता विनय करता निवेदन करता है सत्य के मार्ग पर चलाने के लिए प्रार्थना करता और मार्गनिर्देशन चाहता है।दीक्षा बिना साधना इस प्रकार से है जैसे कोयला खादान में दबा हुआ एक मात्र सदगुरु ही इस कोयले को निकाल के उसको तराश कर घिस कर काट कर उसको बहुमूल्य बना सकता है,बाद में कोयला अपना काला अहंकार का गुण अवश्य दिखाता ही है कहते हुए कि मैं तो था ही हीरा किसी ने कुछ नही किया । ये कलयुगी शिष्य की पहचान है, इसी कलयुगी शिष्यों के साथ सदगुरुदेव जी के प्रति दुर्व्यवहार भरें पाप वाणियों से भरे कर्मों से आहत होके श्री काल भैरव आश्रम एवं सदगुरुदेव के निकटतम शिष्यों का सम्मिलित निर्णय है की अब से सभी साधकों को दूर से दीक्षा दी जाएगी और सभी नवीन पुराने शिष्यों सभी से सदगुरुदेव ने एक दूरी बना ली है ,जिसके वो लायक हैं वो उन्होंने प्राप्त कर लिया है हमारे सदगुरुदेव जी से,ये दूरी उनका सौभाग्य है जो उनको प्राप्त है क्युकी ऐसे दुर्वचनो एवम् दुर्व्यवहार के कारण तो सदगुरुदेव जी को सदैव के लिए सभी साधकों से दूरी बना लेनी चाहिए थी,किंतु इसमें उनके निकटतम के शिष्यों की बहुत बड़ी हानि हो जाती ।इस कारण से सभी नए पुराने शिष्य अब मात्र email या whatsapp पर संपर्क करें।
इस दूरी में ये सभी शिष्य अब दूर से ही संपर्क या तो email या whatsapp और अपना संदेश देके संवाद कर सकते हैं ,इसी कारण से सुदूर प्रांतों और आश्रम न आने वाले, बिना गुरु बदले/change किए गुप्त साधना की चाह रखने वाले,और मजबूरियों के कारण सदगुरुदेव जी के पास न आ सकने वाले के निकट आके न सीख पाने की मजबूरियों के कारण वाले साधकों हेतु online दीक्षा का प्रारंभ किया गया है। अब आपको आश्रम आके दीक्षा लेके साधना में उतरने की आवश्यकता नही है। आश्रम तो वो ही आएगा जो कठिन से कठिन परीक्षाओं को देने की क्षमता को धारण करता होगा मर्यादाओं को जानता होगा वो तो कोई करोड़ों में विरला होता है। सबकी साधना में श्री काल भैरव आश्रम प्रारंभ से सहायक था और रहेगा।
आप दीक्षा लेके अपनी साधना को आगे बढ़ाएं और अपना सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन सुधार लें।
आप में से ही कोई ऐसा साधक होगा जो सदगुरुदेव जी द्वारा विशिष्ट ध्यान व तंत्र के षटकर्म (मारण,मोहन,वशीकरण,उच्चाटन,विद्वेषण,शांतिकर्म )विधानों को आत्मसात करेंगे उनका चयन गुरुदेव स्वयं गहन जांच के पश्चात कर रहे हैं कई वर्षों से । सदगुरुदेव की मारण एक्सपर्ट टीम बन रही है जिसमें उनके सभी शिष्यों में से और नवीन साधकों को परीक्षण के पश्चात बुला लिया जाएगा।
जो साधक ध्यान समाधि कैवल्य बोधि ईश्वर परमात्मा शिवत्व इत्यादि से संबोधित हुए जाने वाले तत्व की पिपासा में भटक रहे हैं उनमें से मात्र पांच को सदगुरुदेव जी ने चयन का भाव बनाया है,वो 5 निश्चित रूप से सदगुरुदेव के सभी प्रकार की शिष्य मंडली में चमकते सितारे होंगे और अपने अपने काल के चमकते सूर्य ही नही अपने अपने ब्रह्मांड होंगे। इन शिष्यों का स्वयं सदगुरुदेव ने व्यक्तिगत रूप से गति कराने की जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित किया है।
सुदूरवर्ती देशों में देशी विदेशी साधकों को सदगुरुदेव मंत्रों की ऊर्जाओं को भेजने और यज्ञ कर्म के माध्यम से साधकों को पूर्व में कई वर्षों4 से करते आ रहे हैं। इस फोन पर होने वाली दीक्षा में साधक को सदगुरुदेव जी द्वारा मंत्र की ऊर्जा भेजी जाती है ,एक निश्चित समय एवं मुहूर्त नक्षत्र निर्धारित करने के पश्चात फिर उनको पूरा विधान समझाया जाता है और pdf और video के रूप में भेजा भी जाता है। आगे के साधना में आने वाली दुविधाओं एवम् प्रश्नों हेतु whatsapp या email के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है।
श्री काल भैरव आश्रम ( Bhairav Sadhna )
Whatsapp 9919935555
Tantra Sadhna
Online Sadhna
For Diksha You Must Send Whatsapp Msg To Gurudev Ji and mention which Diksha and for what purpose you want.
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